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Kavita Upadhyay
नई दिल्ली:
फ्यूल के बढ़ते उपयोग से आज देश में प्रदूषण का लेवल भी काफी बढ़ रहा है जिससे पर्यावरण को भी काफी नुकसान होता है। इससे क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वार्मिंग जैसी कई दिक्कतें सामने आती हैं जिससे आज निपटने के लिए सोलर एनर्जी पावर का उपयोग किया जा रहा है।
आज के समय में सोलर एनर्जी को हार्नेस करने के लिए सोलर पैनल का उपयोग किया जाता है।
यह पैनल 25 साल तक की वारंटी के साथ आते हैं और बिना एफिसिएंसी लूज़ किए अच्छी परफॉरमेंस डिलीवर करते हैं। भारत में आज कई कंपनियां सोलर पैनल और उससे रिलेटेड इक्विपमेंट ऑफर करती हैं जिनका उपरोग करके आप भी एक एफिसिनेट सोलर सिस्टम सेटअप कर सकते हैं। इस आर्टिकल में हम बात करेंगे टाटा के 6kW सोलर सिस्टम के बारे में और इसे इंस्टॉल करने में कितना खर्चा आता है।
टाटा 6KW सोलर सिस्टम
टाटा पावर सोलर भारत की टॉप सोलर इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर में से एक है जो अपने रिलाएबल और बेहतरीन सोलर प्रोडक्ट बनाने के लिए जानी जाती है। आप टाटा के सोलर इक्विपमेंट को खरीद कर एक एफिसिनेट सोलर सिस्टम इंस्टॉल कर सकते हैं। इस सोलर सिस्टम का उपयोग करके आप अपने बिजली के बिलों को पूरा कर सकते हैं और 25 तक तक की वारंटी के साथ सोलर सिस्टम का उपयोग कर सकते हैं।
अगर आपके घर का डेली पावर कंसम्पशन 30 यूनिट तक है तो एक 6 किलोवाट का सोलर सिस्टम आपके लिए बेस्ट होगा। यह सिस्टम डेली लगभग 30 यूनिट पावर पैदा करने में सक्षम है। सोलर सिस्टम लगाने की कॉस्ट उसमे इस्तेमाल किए जाने वाले इक्विपमेंट और सिस्टम के टाइप पर निर्भर करती है। आप एक ऑन-ग्रिड, ऑफ-ग्रिड और हाइब्रिड सोलर सिस्टम में से एक चुन कर एक सोलर सिस्टम सेटअप कर सकते हैं।
सोलर सिस्टम में पॉलीक्रिस्टलाइन या मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल का उपयोग किया जाता है। आप अपनी बिजली की ज़रूरतों के हिसाब से सोलर पैनल का टाइप चुन सकते हैं। सोलर पैनल से जनरेट की गई DC पावर को AC में कन्वर्ट करने के लिए एक सोलर इन्वर्टर का उपयोग किया जाता है। सोलर इन्वर्टर जनरेट किए गए करंट को एक सोलर बैटरी में स्टोर करता है जिससे बाद में बिजली न होने पर उपयोग किया जा सके।
टाटा 6KW ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम
एक ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम में सोलर पैनल से जनरेट की गयी बिजली को इलेक्ट्रिकल ग्रिड के साथ शेयर किया जाता है। इस टाइप के सिस्टम में सभी इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट को पावर दे सकता है क्योंकि कंस्यूमर ग्रिड पर निर्भर करता है। ग्रिड की सप्लाई दिसृप्त होने पर कोई पावर बैकअप नहीं ऑफर किया जाता है। ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम लगाने से बिजली का बिल कम हो जाता है और एडिशनल पावर को ग्रिड में वापस भेजा जा सकता है जिससे एडिशनल इनकम जनरेट हो सकती है।
आपके सोलर सिस्टम से ग्रिड में जाने वाली बिजली को मापने के लिए एक नेट मीटर का उपयोग किया जाता है। ऑन-ग्रिड सिस्टम में बैटरी का इस्तेमाल नहीं होता है और इसमें सोलर पैनल, एक सोलर इन्वर्टर और एक नेट मीटर शामिल होता है। टाटा 6kW ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम लगाने की कॉस्ट लगभग ₹3 लाख तक हो सकती है। नई सोलर रूफटॉप सब्सिडी योजना के तहत पहले 3kW के लिए 40% और अगले 3kW के लिए 20% की सब्सिडी मिलती है जिससे सिस्टम को इंस्टॉल करने की इनिशियल कॉस्ट काफी कम हो जाती है।
टाटा 6KW ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम
एक ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम में सोलर बैटरी का उपयोग किया जाता है पावर बैकअप के लिए। इसका इस्तेमाल आप अपनी नीड्स के अनुसार कर सकते हैं।ऑफ-ग्रिड सिस्टम पावर कट वाले इलाकों के लिए सूटेबल होते हैं जिससे पावर ग्रिड पर निर्भरता कम होती है।
टाटा के 6kW ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम को इंस्टॉल करने में लगभग ₹4.50 लाख तक का खर्च आता है। बैटरी की कैपेसिटी बैकअप नीड्स के आधार पर चुनी जा सकती है जिसमें कम बैकअप के लिए एक 100Ah और ज्यादा बैकअप के लिए 150Ah या 200Ah कैपेसिटी की बैटरी उपयोग में ली जा सकती है।
टाटा 6KW हाइब्रिड सोलर सिस्टम
अगर आपका बजट ज्यादा है तो आप एक एडवांस टाइप का सोलर सिस्टम चुनकर अपनी बिजली की नीड्स को पूरा कर सकते हैं। एक हाइब्रिड सोलर सिस्टम ऑन-ग्रिड और ऑफ-ग्रिड दोनों सिस्टम के फीचर्स को ऑफर करता है। इस सेटअप में आप ग्रिड के साथ बिजली शेयर कर सकते हैं और बैकअप के लिए सोलर बैटरी में बिजली स्टोर भी कर सकते हैं। टाटा 6kW हाइब्रिड सोलर सिस्टम लगाने में लगभग ₹6 लाख तक खर्च आ सकता है।
टाटा पावर सोलर अपने इक्विपमेंट पर लॉन्ग-टर्म परफॉरमेंस वारंटी ऑफर करता है। एक बार जब आप सोलर सिस्टम में इन्वेस्ट करते हैं तो आप कई सालों तक मुफ़्त बिजली का आनंद ले सकते हैं। सिस्टम की बेहतर परफॉरमेंस के लिए आप मोनोक्रिस्टलाइन या बाइफेसियल सोलर पैनल का इस्तेमाल कर सकते ह जो एडिशनल बेनिफिट्स ऑफर करते हैं।