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Rudrabhishek in Sawan 2022: सावन माह की शुरुआत हो चुकी है और हिंदू धर्म में इस माह का विशेष महत्व होता है। सावन माह का हर दिन को खास माना जाता है। इस पावन महीने में कई बड़े व्रत और त्योहार आते हैं। इस माह में भगवान भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए सोमवार का व्रत रखा जाता है। साथ ही शिवलिंग की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि सावन माह में शिव पूजा मनोरथ पूर्ण करने वाली होती है।
इस पूरे माह शिव भक्त अलग-अलग तरीकों से महादेव की आराधना करते हैं। साथ ही भोले भंडारी को प्रसन्न करने के लिए सावन के महीने में भक्ति भाव से रुद्राभिषेक किया जाता है। रुद्राभिषेक को बेहद शुभ फलदाई माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि सावन माह में कभी भी एक बार रुद्राभिषेक करने से जीवन के सारे कष्ट दूर होते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं रुद्राभिषेक के फायदे और इसकी विधि के बारे में..

सावन में कब करें रुद्राभिषेक ?
वैसे तो पूरे साल भर भगवान शिव की पूजा की जाती है, लेकिन सावन माह में शिव शम्भू की पूजा और उनका ध्यान करने से सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं। सावन माह के प्रत्येक सोमवार शिव कृपा के लिए अधिक महत्वपूर्ण माने गए हैं। इस बार सावन माह का पहला सोमवार 18 जुलाई को और चौथा तथा अंतिम सोमवार 8 अगस्त को होगा। वहीं 25 जुलाई और 9 अगस्त को प्रदोष तिथि होगी। ऐसे में इन खास मौकों पर अपने घर में कम से कम एक बार रुद्राभिषेक जरूर कराएं।
रुद्राभिषेक का महत्व
सावन माह में रुद्राभिषेक कराने से घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है। साथ ही सावन पर रुद्राभिषेक करने से ग्रहों के अशुभ प्रभाव को भी कम किया जा सकता है और शिव जी की कृपा प्राप्त की जा सकती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रुद्राभिषेक करने से ग्रह दोष, रोग, कष्ट, पाप मिटते हैं।

जानें किन चीजों से कर सकते हैं रुद्राभिषेक
सावन का महीना या कहें श्रावण मास भगवान शिव का सबसे प्रिय मास होता है। कहते हैं कि इस महीने में शिव भक्ति से भक्तों को अद्भुत शक्ति मिलती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। सावन के महीने विभिन्न द्रव्यों यानी कि तरल चीजों से शिवजी का रुद्राभिषेक करने के आश्चर्यजनक लाभ होते हैं। माना जाता है कि सावन में रुद्राभिषेक करने से हमारी कुंडली के अशुभ ग्रहों के प्रभाव भी कम होते हैं और हमें शिवत्व की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं कि किस पदार्थ से रुद्राभिषेक करने के क्या लाभ हैं ?
जल से रुद्राभिषेक
शिवजी को सबसे प्रिय जल है। सावन के महीने में जल से रुद्राभिषेक करने पर आपके घर में खुशहाली आती है। अगर घर में कोई बुखार से पीड़ित है तो उसकी हालत में सुधार होता है।

दही से रुद्राभिषेक
सावन के महीने में दही से शिवजी का अभिषेक करने से आपको हर प्रकार के सुख की प्राप्ति के साथ ही दांपत्य जीवन में भी खुशहाली आती है।
गन्ने के रस से रुद्राभिषेक
लक्ष्मी प्राप्ति के लिए सावन के महीने में गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करवाया जाना सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
इत्र से रुद्राभिषेक
जो लोग किसी प्रकार की मानसिक बीमारी या फिर अनिद्रा की समस्या से जूझ रहे हैं उन्हें सावन के महीने में इत्र से शिवजी का रुद्राभिषेक करना चाहिए।

दूध से रुद्राभिषेक
सावन के प्रत्येक सोमवार को शिवजी का रुद्राभिषेक दूध से करने से संतान प्राप्ति की मनोकामना पूर्ण होती है।
गंगाजल से रुद्राभिषेक
गंगाजल से रुद्राभिषेक करने से जातक को मोक्ष की प्राप्ति होती है और जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है।
सरसों के तेल से रुद्राभिषेक
मान्यता है कि सावन में सरसों के तेल से रुद्राभिषेक करने से शनि की अशुभ दशा में राहत मिलती है।

शहद से रुद्राभिषेक
शहद से शिवजी का रुद्राभिषेक करने से व्यक्ति को सम्मान और ऊंचा औहदा प्राप्त होता है। इसके साथ ही शहद से शिवजी का अभिषेक करने से शुक्र ग्रह के अशुभ प्रभाव समाप्त होते हैं।
घी से रुद्राभिषेक
ऐसी मान्यता है कि घी से रुद्राभिषेक करने से आपको अच्छी सेहत ही प्राप्ति होती है। इसके साथ ही धन समृद्धि भी बढ़ती है।