New Delhi (Namami Digital News Desk)
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को कापसहेड़ा में एक हनुमान और शनि मंदिर को ध्वस्त करने के आदेश के विरुद्ध दाखिल याचिका पर दिल्ली सरकार का रुख पूछा है। दीपांशु यादव की तरफ से याचिका दायर की गई है।न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने दिल्ली सरकार से याचिका पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। याचिका में दावा किया गया है कि छावला नाले पर स्थित मंदिर के विध्वंस से लोगों की भावनाएं प्रभावित होंगी।
याचिकाकर्ता ने कहा कि उप-विभागीय मजिस्ट्रेट, कापसहेड़ा का 6 जून का आदेश, बिना अधिकार क्षेत्र और कारण के पारित किया गया था। इस आदेश के तहत मंदिर को ध्वस्त करने की तारीख 12 जून निर्धारित की गई थी। दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि क्षेत्र में अतिक्रमण था। इसके अलावा धार्मिक समिति पहले ही विध्वंस को मंजूरी दे चुकी है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि वह हनुमान और शनि मंदिर का भक्त और उपासक है। यह मंदिर किसी भी तरह से यातायात में बाधा उत्पन्न नहीं करते। याचिकाकर्ता ने कहा कि संबंधित विशेष स्थान पर मनमानी कार्रवाई उपद्रव पैदा कर सकती है।
यह कार्रवाई बड़े पैमाने पर जनता को प्रभावित करेगी, क्योंकि लोगों की भावनाएं संबंधित मंदिर से जुड़ी हैं। करीब 50 साल पुराने मंदिर के स्थानांतरण के लिए कोई व्यवस्था नहीं हो रही है। अब इस मामले में कोर्ट में अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी।