New Delhi (Namami Digital News Desk)
Capital Gains Tax : अमीरों पर अधिक कैपिटल गेन्स टैक्स लगाने जैसे किसी मुद्दे पर सरकार विचार नहीं कर रही है। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को एक रिपोर्ट सामने आने के बाद यह बात कही। रिपोर्ट में कहा गया था कि सरकार असमानता घटाने के लिए अमीरों पर अधिक कैपिटल गेन्स टैक्स लगा सकती है।
सरकार देश में अमीर-गरीब के अंतर को कम करने के लिए अमीरों पर अधिक टैक्स लगा सकती है। मंगलवार को यह खबर काफी फैल रही थी। ब्लूमबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें कहा गया कि सरकार कैपिटल गेन्स टैक्स (Capital Gains Tax) के ढांचे को बदलने की तैयारी में है। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि अधिक आय वाले लोगों के कैपिटल गेन्स टैक्स में बढ़ोतरी की जा सकती है। हालांकि, कुछ ही देर में यह खबर सिर्फ अफवाह साबित हो गई। वित्त मंत्रालय की तरफ से मंगलवार को कहा गया कि कैपिटल गेन्स टैक्स पर कोई चर्चा नहीं की गई है। मंत्रालय ने कहा कि कैपिटल गेन्स टैक्स में बदलाव की खबर आधारहीन है।
रिपोर्ट में कहा गया था कि वित्त मंत्रालय को 2019 में सौंपे गए प्रस्तावों को 2024 में लागू करने के लिए एक पैनल नियुक्त किया जा सकता है। अभी भारत में इनकम टैक्स का अधिकतम स्लैब 30 फीसदी है। जबकि इक्विटी फंड और शेयरों जैसे एसेट क्लास पर टैक्स रेट कम है।
क्या होता है कैपिटल गेन्स टैक्स?
किसी कैपिटल या प्रॉपर्टी से होने वाला मुनाफा ही कैपिटल गेन्स कहलाता है। इस पर लगने वाला टैक्स कैपिटल गेन्स टैक्स होता है। जब निवेशक अपने शेयर, प्रॉपर्टी, घर, कार या कोई दूसरा निवेश बेचता है, तो मिलने वाले मुनाफे पर टैक्स लगता है।
भारत में टॉप 10% आबादी के पास 77% पैसा
भारत की टॉप 10 फीसदी आबादी के पास 77 फीसदी संपत्ति है। ऑक्सफैम इंटरनेशनल ने यह अनुमान लगाया है। वहीं, सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश में करीब 6 फीसदी लोग ही आईटीआर भरते हैं। रिपोर्ट में कहा गया था कि सरकार अमीरों और गरीबों के बीच के अंतर को कम करने के लिए यह कदम उठा सकती है।