New DELHI (Manish Sharma ) मकर संक्रांति पर दान का महत्व
अच्छे स्वास्थ्य के लिए
किसी भी मंदिर में जाकर बेल का पौधा रोपण करें और सूर्य को जल दें इससे लाभ होगा।
अच्छी शिक्षा प्राप्ति हेतु
अच्छी विद्या प्राप्ति हेतु ब्राह्मण को जनेव, रुद्राक्ष की माला, धार्मिक पुस्तक और चन्दन का दान करना चाहिए।
रोजगार प्राप्ति हेतु
अन्न दान के साथ-साथ मंदिर प्रांगण में पुष्प और पीपल या वट वृक्ष का रोपण करना चाहिए। इससे रोजगार में उन्नति होती है।
दाम्पत्य जीवन में खुशहाली
इसके लिए शहद, घी और गुड़ का दान अवश्य करें। साथ ही साथ तुलसी के पौधा का रोपण करें। इससे दाम्पत्य जीवन खुशहाल रहता है।
शादी विवाह के लिए
शादी विवाह जल्दी हो और अच्छी जगह हो इसके लिए केले का पौधा लगाएं और पीला चावल, पीला वस्त्र ब्राह्मण या अपने गुरु को दान करें।
सार
Makar Sankranti 2022 Date: बहुत कम ऐसा योग बनता है कि शनिवार के दिन मकर सक्रांति मनाई जाए और शनि भी स्वगृही होकर अपने राशि में हो और साथ में बुध इसका लाभ भी अत्यंत मिलता है। एक और विशेष योग बना हुआ है जो प्रातः 9.51 मिनट तक है। वह योग सूर्य और चन्द्रमा का योग है, जो नवम पंचम योग है जिसमें सूर्य से चन्द्रमा पंचम स्थान में होगा और चन्द्रमा से सूर्य नवम स्थान में होता है, ऐसे योग में किया हुआ दान अत्यंत फलित होता है।
विस्तार
Makar Sankranti 2022 Date Time Puja Muhurat: 14 जनवरी, दिन शुक्रवार को संध्या समय में सूर्यदेव दक्षिणायन से उत्तरायण होंगे, लेकिन पुण्यकाल में संध्या होने की वजह से 15 जनवरी को मकर संक्रांति मान्य होगा। यह सर्वविदित है कि सूर्य के उत्तरायण होते ही सूर्य की सम्पूर्ण ऊर्जा समस्त चरचार को प्राप्त होने लगता है। ज्योतिष में सूर्य का उत्तरायण होना एक महत्वपूर्ण घटना माना गया है। उत्तरायण होते ही किए हुए कर्मो का, पूजा-पाठ, जप-तप और दान इत्यादि का पुण्य फल प्राप्त होता है।
मकर संक्रांति पर शुभ योग
15 जनवरी दिन शनिवार को सूर्य मकर राशि में शनि और बुध ग्रह के साथ गोचर करेंगे। मृगशिरा नक्षत्र में शुक्ल पक्ष त्रियोदशी तिथि में यह घटना घटित होगी। मकर राशि की साढ़ेसाती का अंतिम चरण है, जो मकर और कर्क राशि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। शनिवार के दिन सक्रांति का दान अत्यंत महत्वपूर्ण योग बना देता है। बहुत कम ऐसा योग बनता है कि शनिवार के दिन मकर सक्रांति मनाई जाए और शनि भी स्वगृही होकर अपने राशि में हो और साथ में बुध इसका लाभ भी अत्यंत मिलता है।
एक और विशेष योग बना हुआ है जो प्रातः 9.51 मिनट तक है। वह योग सूर्य और चन्द्रमा का योग है, जो नवम पंचम योग है जिसमें सूर्य से चन्द्रमा पंचम स्थान में होगा और चन्द्रमा से सूर्य नवम स्थान में होता है, ऐसे योग में किया हुआ दान अत्यंत फलित होता है।
धनु, मकर और कुंभ राशि की साढ़ेसाती और तुला और मिथुन राशि के लिए शनि की ढैय्या चल रही है। इन लोगों को सक्रांति का दान कार्य, ब्राह्मण और गाय को भोजन अवश्य करवाएं। अन्न दान में चावल, काला और सफ़ेद तिल, तेल, गुड़, शहद, नमक, घी उड़द का दाल सूखा लाल मिर्च दान में अवश्य देना चाहिए।