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Kavita Upadhyay
बैटरी शो इंडिया और रीन्युएबल एनर्जी इंडिया एक्सपो 2024 ने उद्योग जगत के दिग्गजों को एक मंच पर किया एकजुट
इन्फोर्मा मार्केट्स इन इंडिया द्वारा आयोजित ये शो भारत के उभरते एनर्जी सिस्टम में इनोवेशन और स्थायित्व को गति प्रदान करेंगे
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर, 2024: प्रमुख बी2बी प्रदर्शनी आयोजनकर्ता इन्फोर्मा मार्केट्स इन इंडिया ने आज ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर में रीन्युएबल एनर्जी इंडिया (आरईआई) एक्सपो के 17वें संस्करण का उद्घाटन किया। इसी के साथ बैटरी शो इंडिया के दूसरे संस्करण का आयोजन भी किया जा रहा है। इस तरह यह आयोजन नवीकरणीय उर्जा, बैटरी स्टोरेज एवं ईवी सेक्टरों के लिए महत्वपूर्ण मंच होगा, और दोनों उद्योगों के लिए आपसी सहयोग और इनोवेशन्स को बढ़ावा देगा।
प्रदर्शनी का उद्घाटन गणमान्य दिग्गजों की मौजूदगी में हुआ। इनमें श्री हीरा लाल नागर, राज्य मंत्री, उर्जा विभाग, राजस्थान सरकार, श्री मनु श्रीवास्तव, अपर मुख्य सचिव, विद्युत एवं नवीकरणीय उर्जा विभाग, मध्य प्रदेश सरकार; श्री शांतनु जयसवाल, हैड ऑफ इंडिया रीसर्च, ब्लूमबर्ग, एनईएफ; श्री एलेक्स व्हिटवर्थ, वाईस प्रेज़ीडेन्ट एवं हैड ऑफ एशिया पेसिफिक पावर एण्ड रीन्युएबल्स रीसर्च, वुड मैकेन्ज़ी; श्री पीटर हॉल, प्रेज़ीडेन्ट, आईएमईटीए क्षेत्र, इन्फोर्मा मार्केट्स; श्री योगेश मुद्रास, मैनेजिंग डायरेक्टर, इन्फोर्मा मार्केट्स इन इंडिया और श्री रजनीश खट्टर, सीनियर ग्रुप डायरेक्टर, एनर्जी पोर्टफोलियो, इनफोर्मा मार्केट्स इन इंडिया शामिल रहे।
इस अवसर पर श्री योगेश मुद्रास, मैनेजिंग डायरेक्टर, इन्फोर्मा मार्केट्स इन इंडिया ने कहा, ‘‘रीन्युएबल एनर्जी इंडिया एक्सपो 2024 और इसके साथ बैटरी शो इंडिया, देश की सीओपी 26 प्रतिबद्धता के अनुरूप हैं, जो कार्बन फुटप्रिन्ट कम करने और नवीरकरणीय उर्जा को बढ़ावा देने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। 2030 तक कार्बन उत्सर्जन को 45 फीसदी तक कम करने के लक्ष्यों के साथ यह प्रदर्शनी नवीकरणीय उर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका पर रोशनी डालती है। इसमें कई महत्वपूर्ण प्रगतियों को दर्शाया गया है जैसे 37.49 गीगावॉट की कुल क्षमता वाले 50 सोलर पार्कों के लिए अनुमोदन, 5 मिलियन टन हरित हाइड्रोजन उत्पादन के महत्वाकांक्षी लक्ष्य और 2030 तक 30 गीगावॉट ऑफशोर पवन उर्जा हासिल करने के लक्ष्य।’’
बैटरी शो इंडिया भी देश के विकसित होते बैटरी स्टोरेज मार्केट पर रोशनी डाल रहा है, जो 2031-32 तक 47 गीगावॉट तक पहुंचने का अनुमान है। लिथियन-आयन बैटरी के स्वदेशी उत्पादन में भारत के प्रयास उल्लेखनीय हैं, उम्मीद है कि इससे उत्पादन क्षमता 2030 तक 150 गीगावॉट के आंकड़े पर पहुंच जाएगी, जो सैल की कुल मांग का 13 फीसदी हिस्सा कवर करेगा। कार्यक्रम में दर्शाए गए ये विकास कार्य, शो के प्रभाव तथा स्थायी एवं सशक्त उर्जा प्रणाली के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।’’ उन्होंने कहा।
श्री मनु श्रीवास्तव, अपर मुख्य सचिव, विद्युत एवं नवीकरणीय उर्जा विभाग, मध्य प्रदेश सरकार ने कहा, ‘‘भारत के नवीकरणीय उर्जा सेक्टर में उल्लेखनीय प्रयास किए हैं, मध्य प्रदेश के रेवा में परियोजना बिना सब्सिडी के सौर उर्जा की लागत कोयले से भी कम करने में महत्वपूर्ण साबित होगी। अब यह साबित करने के प्रयास किए जा रहे हैं कि लागत प्रभाविता की दृष्टि से सोलर प्लस स्टोरेज, थर्मल पावर की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करती है।
वर्तमान में थर्मल और सोलर प्लस स्टोरेज प्रोजेक्ट्स के टेंडर इसकी जांच कर रहे हैं, 24 घण्टे स्थिर शुल्क पर सेवाएं प्रदान करने के लिए बड़े पैमाने के 600 मेगावॉट सोलर और 880 मेगावॉट बैटरी प्रोजेक्ट डिज़ाइन किए गए हैं। बर्कले युनिवर्सिटी द्वारा समर्थित यह मॉडल रोज़ाना दो-चार्ज-डिस्चार्ज सायकल्स के माध्यम से बैटरी के परफोर्मेन्स को अनुकूलित करता है। यह सौर उर्जा का उपयोग कर शाम के समय बिजली मुहैया कराता है और रात भी ग्रिड पावर से चार्ज होकर सुबह के समय बिजली देता है।
दुनिया भर में उर्जा की कुल मांग में विद्युत का योगदान 20 फीसदी है जो 2050 तक बढ़कर 31 फीसदी हो जाएगा और शुद्ध शून्य परिवेश में यह 50 फीसदी के आंकड़े को पार कर सकता है। भारत को इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए जीवाश्म ईंधन और विद्युत के विकास की आवश्यकता है। अब सौर उर्जा भारत की उर्जा का महत्वपूर्ण भाग बन गई है, ऐसे में आर्थिक विकास और उर्जा स्थायित्व को सुनिश्चित करने के लिए स्टोरेज पर ध्यान देना ज़रूरी है।’’
माननीय श्री हीरा लाल नागर, राज्य मंत्री, उर्जा विभाग, राजस्थान सरकार ने कहा, ‘‘राजस्थान भारत की नवीकरणीय उर्जा लक्ष्यों में मुख्य भूमिका निभाता है, यह प्रदेश प्रधानमंत्री जी के दृष्टिकोण के अनुरूप देश के 500 गीगावॉट लक्ष्यों में मुख्य योगदान दे रहा है। विशाल रेगिस्तान के चलते यहां सौर और पवन उर्जा का उपयोग करने के लिए अपार संभावनाएं हैं। वर्तमान में राज्य और 20,000 मेगावॉट सौर उर्जा का उत्पादन करता है, जिसमें से 5000 मेगावॉट उर्जा का उपयोग स्थानीय रूप से किया जाता है, शेष उर्जा को देश के अन्य स्थानों पर भेजा जाता है। हमने अगले 4-5 सालों में उर्जा सेक्टर में रु 5 लाख करोड़ के निवेश की योजनाएं बनाई हैं।
राजस्थान की आधुनिक उर्जा परियोजनाएं जैसे इंटीग्रेट सोलर बैटरी स्टोरेज और ग्रिड ऑपरेशन्स उर्जा उत्पादन और वितरण में उदाहरण स्थापित कर रहे हैं। हम रूफटॉप सोलर के 1000 मेगावॉट के लिए टेंडर पर काम कर रहे हैं और अपने ग्रिड एवं ट्रांसमिशन सिस्टम का मजबूत बनाते हुए राज्य एवं देश के स्थायी विकास को सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत हैं।”
दोनों प्रतिष्ठित शोज़ क दौरान महत्वपूर्ण सत्र आयोजित किए जाएंगे जैसे सीईओ और सीटीओ सम्मेलन, भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय उर्जा मंत्रालय द्वारा समर्थित बायो एनर्जी पैविलियन, तेलंगाना सरकार के टी-हब के साथसाझेदारी में इन्वेस्टर ज़ोन। यह इसके अलावा ‘अडवांटेज राजस्थान’ सत्र में मुख्य मंत्री, अधिकारी हिस्सा लेंगे।
साथ ही सोलरफिक्स और कानेमासा जापान के बीच एक एमओयू पर साईन किए जाएंगे। यह साझेदारी भारत में एग्री-पीवी ऐप्लीशन्स के लिए आधुनिक एसआरए टै्रकर तकनीक पेश करेगी। यह ट्रैकर पीवी प्लांट के उत्पादन को 125 से 150 फीसदी तक बढ़ा देता है, जिससे विद्युत की लागत कम हो जाती है। उम्मीद है कि इंडियन बायोगेस एसोएएशन शो के दौरान बायोगैस में रु 1600 करोड़ के निवेश की घोषणा कर सकता है।
रीन्युएबल एनर्जी इंडिया 2024
इस साल संस्करण में 700 से अधिक प्रदर्शक हिस्सा लेंगे जिनमें 85 फीसदी घरेलू एवं 15 फीसदी इंटरनेशनल प्रदर्शक होंगे। जर्मनी और मध्य पूर्व के प्रदर्शक भी इस सूची में शामिल रहेंगे। उम्मीद है कि 850 से अधिक ब्राण्ड्स 5000 से अधिक कारोबार आगंतुकों को लुभाएंगे।
इस साल सौर उर्जा, पवन उर्जा, जैव उर्जा और एनर्जी स्टोरेज पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा। मुख्य प्रदर्शकों में रिलायन्स इंडस्ट्रीज, अदानी सोलर, गौतम सोलर, एमवी, विक्रम सोलर, वारी, जेएसडब्लयू स्टील, एनविज़न आदि शामिल होंगे।
आरईओ एक्सपो 2024 को इंडियन बायोगैस एसोसिएशन, नेशनल हाइवे ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, काउन्सिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एण्ड वॉटर, जेएमके रीसर्च, ब्रिज टू इंडिया, राजस्थान सोलर एसोसिएशन, इंडो-जर्मन एनर्जी फोरम, क्लीनटेक बिज़नेस क्लब, पीवी मैगज़ीन, योले ग्रुप, वुड मैकेन्ज़ी और ब्लूमबर्ग एनईएफ का समर्थन प्राप्त है।
‘अडवांटेज राजस्थान’ सत्र पहले दिन का आकर्षण रहा, जिसका नेतृत्व राजस्थान के माननीय उर्जा मंत्री श्री हीरा लाल नागर द्वारा किया गया। अन्य सत्रों में शामिल थे-‘भारत के महत्वाकांक्षी नवीकरणीय उर्जा लक्ष्य’; ‘भारत के स्वच्छ हाइड्रोजन सिस्टम का विकासः चुनौतियां एवं अवसर’; आधुनिक टेस्टिंग समाधानों के माध्यम से नवीकरणीय उर्जा का आधुनिकीकरण’। इसके अलावा कई अन्य विषयों पर भी चर्चा की गई जैसे ‘भारत में निर्माण की गुणवत्ताः शुरूआत से गुणवत्ता आश्वासन’ और ‘सी एण्ड आई ओपन एक्सेस मार्केट ट्रैंड इन इंडिया’; ‘विश्वस्तरीय स्वच्छ हाइड्रोजन प्रणाली में भारत का योगदान’। साथ ही ‘भारत की स्वच्छ उर्जा यात्रा’ तथा ‘2070 तक शुद्ध शून्य अर्थव्यवस्था के लिए निर्माण के लिए विकार्बोनीकरण’ जैसी विषयों पर भी विचार-विमर्श किया गया। नवीकरणीय उर्जा के इनोवेशन्स एवं आधुनिक तकनीकों पर प्रेज़ेन्टेशन्स और केस स्टडीज़ भी पेश की गईं। इन सभी सत्रों ने भारत के वाणिज्यिक एवं ओद्यौगिक सोलर स्पेस के उभरते रूझानों पर रोशनी डाली।
बैटरी शो इंडिया 2024
आरईआई एक्सपो के साथ आयोजित बैटरी शो इंडिया 2024 में विभिन्न सेक्टरों जैसे वाहन निर्माता, बैटरी पैक असेम्बलर, ओईएम निर्माता, ईवी चार्जिंग उपकरण प्रदाता, ईएसएस प्रोडक्ट निर्माता, परिवहन सेवा प्रदाताओं से 300 से अधिक ब्राण्ड्स, 75 प्रवक्ता हिस्सा लेंगे तथा 1500 से अधिक आगंतुक शामिल होंगे। इसमें हिस्सा लेने वाले प्रदर्शकों में शामिल हैं- पार्कर लोर्ड, सेंट गोबेन, थर्मो फिशर, आई पावर बैटरीज़, रूबामिनक, सीमेन्स, असाही कासोई, आल्टमिन, डो कैमिकल्स, गुजरात फ्लोरोकैमिकल्स ईवी, टोटल एनर्जीज़, एनकोर सिस्टम्स, बीएएसएफ, मारपोस, आरकेमा।
इस आयोजन को नेशनल हाइवे ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, ईज़ ऑफ डुईंग बिज़नेस, काउन्सिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एण्ड वॉटर, ग्लोबल बिज़नेस इनरोड्स, ब्लूमबर्ग एनईएफ, वुड मैकेन्ज़ी, योले ग्रुप और फ्रॉस्ट एण्ड सुलिवन का समर्थन प्राप्त है।