New Delhi ( Namami Digital News Desk)
यमुना नदी में आई बाढ़ से पहली मौत का मामला सामने आया है। प्रशासन की मनाही के बावजूद मृतक यमुना के बाढ़ क्षेत्र में चला गया। मनोज(40) सोमवार को यमुना में डूब गया था। उसका शव बुधवार को नदी में तैरता हुआ मिला है।सनलाइट कॉलोनी थाना पुलिस ने मनोज के शव को पोस्टमार्टम के लिए एम्स में रखवा दिया है।
दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस अधिकारियों के अनुसार मनोज सरायकालेखां फ्लाईओवर के पास स्थित झुग्गी बस्ती में रहता था। वह मंडावली की तरफ यमुना किनारे सब्जी बेचता था। प्रशासन के मना करने के बावजूद वह सोमवार को सब्जी बेचने चला गया। बताया जा रहा है कि पैर फिसलने या किसी वजह से वह यमुना में डूब गया। परिजनों ने इसकी जानकारी सरायकालेखां चौकी प्रभारी दीपक को दी। इसके बाद गोताखोरों की मदद से मनोज को तलाश करने के प्रयास शुरू किए गए। मनोज का शव बुधवार को अक्षरधाम के पास नदी में तैरता मिला।
बाढ़ क्षेत्र में पानी रोकने के लिए 5000 रेत के बोरे किए तैयार
यमुना में बाढ़ को देखते हुए मध्य क्षेत्र, सिविल लाइंस क्षेत्र, सिटी सदर पहाड़गंज क्षेत्र, शाहदरा (उत्तरी) क्षेत्र व शाहदरा (दक्षिणी) क्षेत्र के इलाकों में एमसीडी लगातार नजर बनाए हुए है। अभियांत्रिक विभाग ने बाढ़ नियंत्रण विभाग के साथ मिलकर 10 जगहों पर पंप लगाए हैं, जहां पर नाले यमुना नदी में गिरते हैं। पंपों की सहायता से नालों का पानी नदी में डाला जा रहा है। यहां 5000 रेत के बोरे तैयार कर रखे गए हैं, जिनका पानी रोकने के किया जाएगा।पशु चिकित्सा विभाग को मृत पशुओं को उठाने के संबंध में निर्देशित किया है। नागरिक निगम के केंद्रीयकृत कंट्रोल रूम नंबर 155305 पर मृत पशुओं को उठवाने संबंधी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इस संदर्भ में पशु चिकित्सा विभाग के सभी क्षेत्रीय उप निदेशकों से संपर्क किया जा सकता है जिनके नंबर ट्विटर सहित निगम के सभी आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर साझा किए गए हैं। जनस्वास्थ्य विभाग जलभराव वाली जगहों पर कीटनाशक दवा का छिड़काव कर रहा है, जिससे कि मच्छरों का प्रजनन रोका जा सके। बाढ़ प्रभावित सभी इलाकों में निगम के डीबीसी कर्मचारी कार्य कर रहे हैं।
चिल्ला खादर में टापू पर फंसे लोगों को पहुंचाई राहत सामग्री
बाढ़ की वजह से यमुना खादर में जगह-जगह लोग फंसे हुए है। दिल्ली में एक ऐसा भी जगह है जहां टापू है और वहां जाने का नाव के अलावा कोई संसाधन नहीं है। इस टापू पर करीब 100 लोग फंसे हुए है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा चिल्ला यमुना खादर क्षेत्र के एक टापू पर फंसे लगभग 100 लोगों के बीच पहुंचे और उन्हें भोजन सामग्री उपलब्ध कराई।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह खेदपूर्ण है कि दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के विधानसभा क्षेत्र में पंजीकृत चिल्ला खादर के यह लोग पिछले दो दिन से एसडीएम (पूर्व) व एसडीएम (दक्षिण) के सीमा विवाद में फंसे हैं और उन तक कोई राहत नहीं पहुंच रही थी। बाढ़ पीडितों के लिए आठ टेंपो भरकर खाद्य सामग्री और आवश्यक दवाइयां भेजी गई है। आठ राहत शिविर में खाने की व्यवस्था की जिम्मेदारी सांसद संभाल रहे है। भाजपा के सभी जिला अध्यक्षों को बाढ़ राहत कार्य के लिए युवा कार्यकर्ताओं की टीम तैयार रखने को कहा गया है जो कि आवश्यकता पड़ने पर रात दिन काम कर सकें ना सिर्फ यमुना के तटीय इलाकों के विस्थापितों के बीच बल्कि ऐसे शहरी क्षेत्रों में जलभराव होगा वहां भी राहत काम करेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के दो-दो मंत्री यमुना में नाव में बैठकर सैर कर रहे हैं लेकिन जो लोग बाढ़ में फंसे है उन्हें निकालने की व्यवस्था नहीं की जा रही है।
आबादी वाले इलाकों में नहीं घुसेगा पानी : भारद्वाज
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सिविल लाइंस इलाके में मोटर बोट से यमुना के विभिन्न हिस्सों में जाकर मुआयना किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में आबादी वाले इलाकों में पानी पहुंचने की संभावना नहीं है। डूब क्षेत्रों में जिन इलाकों में खतरे के संकेत नजर आ रहे हैं, वहां पर राहत व बचाव संबंधित उचित कदम उठाए जा रहे हैं।गंभीर ने शुरू कराया लंगर
पूर्वी दिल्ली सांसद गौतम गंभीर ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। मयूर विहार फेज-1 मेट्रो स्टेशन के पास सांसद की तरफ से बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए लंगर की व्यवस्था की गई। गंभीर ने बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए जल्द इंतजाम करने के लिए स्थानीय डीएम से बात की। उन्होंने हर संभव मदद पहुंचाने का आश्वासन दिया। गंभीर ने केजरीवाल सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी ने नौ साल में सिर्फ आरोप की राजनीति की। दिल्ली में बुनियादी ढांचे पर एक भी पैसा खर्च नहीं किया। मुफ्त की राजनीति की, अपना घर बनाया, लोगों को बेवकूफ बनाया। अब वे बाहर आकर ये कह रहे हैं कि हमने तो 100 एमएम बारिश के लिए तैयारी की थी, लेकिन 150 एमएम बारिश हो गई।
एलजी ने किया यमुना का दौरा
उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बुधवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का मुआयना किया। उन्होंने बचाव कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ की टीम हर हालात से निपटने को तैयार है। उपराज्यपाल ने अपील की कि लोग धैर्य बनाए रखें। डूब क्षेत्र से लोगों को निकाला जा रहा है। बृहस्पतिवार को उपराज्यपाल ने डीडीएमए की बैठक भी बुलाई है।
सीएम की गुजारिश- बाढ़ देखने न जाएं लोग
सीएम ने कहा कि यह भी देखने में आ रहा है कि कई लोग बाढ़ देखने जा रहे हैं और सेल्फी व वीडियो ले रहे हैं। इस स्थिति में लोग वहां न जाएं। अगर अचानक जल स्तर बढ़ गया तो जान को खतरा हो सकता है। जिलाधिकारियों को कहा गया है कि जरूरत पड़ने पर आसपास के स्कूलों को बंद कर उन्हें राहत कैंप में तब्दील कर सकते हैं। अगर शौचालय और नहाने के लिए आसपास धर्मशालाएं और स्कूलों का अधिग्रहण करने की जरूरत पड़ती है, तो ऐसा किया जाए।
रिहायशी इलाकों में यमुना का पानी पहुंचने की संभावना नहीं
केजरीवाल ने कहा कि अभी रिहायशी इलाकों में यमुना का पानी पहुंचने की संभावना नहीं है। अगर ऐसा होगा तो घर खाली कराने सूचना समय से पूर्व दी जाएगी। स्थानीय स्तर पर भी हमारी टीमें मुनादी करके लोगों को सचेत कर रही हैं। यमुना का जलस्तर बढ़ने से कुछ नाले बैक मार सकते हैं। इससे कुछ जगह जलभराव हो सकता है। दिल्ली के छह जिलों में टेंट लगाए गए हैं। कैंप में सभी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। एनडीआरएफ की भी मदद ली जा रही है।
दो-दो किलोमीटर पर तैनात हैं 50 बोट
आतिशी ने बताया कि दिल्ली सरकार ने बाढ़ ग्रस्त इलाकों में लोगों को तत्काल राहत पहुंचाने के लिए 50 बोट का इंतजामकिया है। इन सभी बोट्स को पल्ला से लेकर ओखला बैराज तक दो-दो किलोमीटर की दूरी पर तैनात किया गया है।
फंसे हुए 3000 लोगों को निकाला
राजधानी में यमुना के बढ़े जलस्तर की वजह से निचले इलाकों में पानी भर गया है। इस दौरान लगातार राहत और बचाव कार्य भी चल रहा है, लेकिन बार-बार चेतावनी देने के बावजूद लोग यमुना खादर में मौजूद घरों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। हालात को देखते हुए एनडीआरएफ की टीम को भी मौके पर बुलाना पड़ा। पुलिस, दमकल विभाग, बोट क्लब और सिविल डिफेंस वालंटियर के साथ मिलकर रेस्क्यू टीम ने पानी में फंसे तीन हजार से अधिक लोगों के अलावा सैकड़ों मवेशियों व कुत्तों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। सोनिया विहार में एक ही परिवार के पांच लोग पानी में बह गए। गनीमत यह रही कि इन लोगों ने किसी तरह ट्रैक्टर ट्रॉली को पकड़ लिया।
निगम बोध घाट में अंतिम संस्कार बंद
राजधानी के सबसे बड़े श्मशान निगम बोध घाट में यमुना का पानी भरने से अंतिम संस्कार बंद कर दिया गया है। पानी रोकने के लिए मिट्टी से भरी बोरियां भी कारगर साबित नहीं हो रही हैं। घाट के बाहर बने सभी प्लेटफार्म तक डूब चुके हैं।इससे घाट का संचालन कर रही संस्था के प्रमुख सुमन गुप्ता ने अंतिम संस्कार बंद करवाने के निर्देश देकर बाहर बोर्ड लगा दिया है।
बारिश से 500 से अधिक ट्रेनों के पहिए पर ब्रेक
बारिश की वजह से करीब पांच सौ ट्रेनों के पहिए थम गए हैं। इस वजह से लाखों लोगों को यात्रा रद्द करनी पड़ी। पिछले दो दिन में रेलवे को करीब 53 लाख रुपये रिफंड करने पड़े। इसके अलावा इतने ही ऑनलाइन टिकट निरस्त हुए हैं। लोकल ट्रेन नहीं चलने से भी रेलवे को नुकसान हो रहा है। भारी वर्षा और जलभराव के कारण उत्तर रेलवे के कई सेक्शन प्रभावित हुए हैं।
दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू एवं कश्मीर में लगातार बारिश और खराब मौसम के चलते उत्तर रेलवे के अंबाला, दिल्ली, फिरोजपुर और मुरादाबाद मंडलों पर रेल सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। इस वजह से 201 मेल व एक्सप्रेस और 199 पैसेंजर ट्रेनों को रद्द कर दिया गया। 92 गंतव्य से पहले समाप्त कर दी गई, जबकि 68 को निर्धारित
गंतव्य स्टेशन से पहले प्रस्थान करना पड़ा। इस वजह से यात्रियों को परेशान भी होना पड़ा। लोग जगह-जगह फंसे हुए है।
रेलवे का दावा
रेलवे का दावा है कि इन सबकी सूचना मैसेज के माध्यम से यात्रियों को दी जा रही है। प्रमुख रेलवे स्टेशनों परयात्रियों को मार्गदर्शन देने के लिए हेल्प डेस्क खोले गए हैं। रेलगाड़ियों के निरस्त, परिवर्तित मार्ग से चलने वाली व गंतव्य से पहले यात्रा समाप्त करने और प्रारंभ करने संबंधी उद्धोषणाएं स्टेशनों पर नियमित रूप से की जा रही हैं। सूचना देने और यात्रियों के टिकटों की धन वापसी के लिए उत्तर रेलवे के विभिन्न स्थानों पर अतिरिक्त काउंटर खोले गए हैं।
यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे स्टेशनों पर अतिरिक्त काउंटर
यात्रियों की सहायता के लिए 18 अतिरिक्त काउंटर खोले गए हैं। इनमें नई दिल्ली में 2, पुरानी दिल्ली में 1, आनंद विहार टर्मिनल में 1, हजरत निजामुद्दीन में 1, गाजियाबाद में 1, मेरठ सिटी में 1, अंबाला छावनी में 1, बठिंडा में 1, मुरादाबाद में 2, हापुड़ में 1, रुड़की में 1, देहरादून में 2, हरिद्वार में 2 और लखनऊ में एक अतिरिक्त काउंटर खोला गया है।