New Delhi (Namami Digital News Desk)
रिजर्व बैंक 2000 का नोट सर्कुलेशन से वापस लेगा, लेकिन मौजूदा नोट अमान्य नहीं होंगे। 2 हजार का नोट नवंबर 2016 में मार्केट में आया था। तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए थे। इसकी जगह नए पैटर्न में 500 का नया नोट और 2000 का नोट जारी किया गया था। RBI साल 2018-19 से 2000 के नोटों की छपाई बंद कर चुका है।
RBI ने बैंकों को 23 मई से 30 सितंबर तक 2000 के नोट लेकर बदलने के निर्देश दिए हैं। एक बार में अधिकतम बीस हजार रुपए कीमत के नोट ही बदले जाएंगे। अब से ही बैंक 2000 के नोट इश्यू नहीं करेंगे।
सवाल-जवाब में समझिए RBI के इस आदेश के मायने…
1. आरबीआई ने कहा क्या है?
रिजर्व बैंक 2000 का नोट सर्कुलेशन से वापस लेगा, लेकिन मौजूदा नोट अमान्य नहीं होंगे। RBI ने कहा कि इसका ऑब्जेक्टिव पूरा होने के बाद 2018-19 में इसकी प्रिटिंग बंद कर दी गई थी।
2. फैसला कब से लागू हो रहा है?
RBI ने अपने सर्कुलर में लिखा है कि वो 2000 के नोट को सर्कुलेशन से बाहर कर रहा है। इसकी कोई तारीख या समय नहीं दिया है। यानी ये फैसला तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
3. नोट बदलने के लिए क्या-क्या करना होगा, इसका पूरा प्रॉसेस क्या होगा?
बैंक में जाकर इन नोटों को बदला जा सकता है। इसके लिए 30 सिंतबर 2023 तक का समय दिया गया है। नोट बदलने में कोई परेशानी न हो इसलिए बैंकों को भी इसके बारे में जानकारी दी गई है।
4. बाजार में 2000 के नोट से खरीदारी में क्या असर दिख सकता है?
सरकार ने इसे अभी चलन में भले ही बनाकर रखा है, लेकिन व्यापारी इससे लेनदेन करने में कतरा सकते हैं। ऐसे में बेहतर होगा कि इन्हें बैंक से ही बदल लें।
5. RBI ने नोट बदलने के लिए 30 सितंबर तक का वक्त दिया है। इसके बाद क्या होगा?
तारीख बढ़ाई भी जा सकती है, लेकिन आखिरी तारीख का इंतजार न करें। अगर सरकार ने इसे अमान्य किया तो आपके पास रखे 2000 के नोटों की कोई कीमत नहीं रहेगी।
6. किन लोगों के लिए लागू हो रहा है?
यह फैसला सभी के लिए लागू है। हर व्यक्ति जिसके पास 2000 के नोट हैं, उसे 23 सिंतबर से 30 सितंबर तक बैंक में इसे डिपॉजिट या एक्सचेंज करना होगा। एक बार में अधिकतम 20 हजार रुपए कीमत के नोट यानी 10 नोट ही बदले जाएंगे।
7. यह फैसला किसने किया है और क्यों किया है?
‘क्लीन नोट पॉलिसी’ के तहत रिजर्व बैंक ने यह फैसला किया है। ‘क्लीन नोट पॉलिसी में लोगों से गुजारिश कि गई है कि वह करेंसी नोट्स पर कुछ भी न लिखें, क्योंकि ऐसा करने से उनका रंग-रूप बिगड़ जाता है और लाइफ भी कम हो जाती है। लोगों को लेन-देन में अच्छी क्वालिटी के बैंक नोट (पेपर करेंसी) मिलें इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए क्लीन नोट पॉलिसी लागू की गई है।
8. इससे आम लोगों पर क्या असर होगा?
जिसके भी पास 2 हजार का नोट है उसे बैंक में जाकर बदलना होगा। 2016 में नोटबंदी में 500 और 1000 को नोट को बंद कर दिया गया था। इसे बदलने के लिए टाइम भी दिया गया था, लेकिन लंबी लाइनों के कारण लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी थी। इस बार भी ऐसा देखने को मिल सकता है।
9. क्या यह फैसला सरकार की ओर से भूल सुधार है?
RBI ने अपने सर्कुलर में बताया है कि 2016 में बंद किए गए 500 और 1000 के नोट की कमी को पूरा करने के लिए 2000 के नोट छापे गए थे। जब पर्याप्त मात्रा में दूसरे डिनोमिनेशन के नोट उपलब्ध हो गए तो 2018-19 में 2000 के नोटों की छपाई बंद कर दी गई। यानी ये सीधेतौर पर नहीं कहा जा सकता है 2000 के नोटों को सर्कुलेशन से बाहर करना सरकार की भूल सुधार है।
RBI का आदेश
कालाधन जमा करने वालों के लिए मददगार हो रहा था 2000 का नोट
2016 की नोटबंदी के बाद 1.3 लाख करोड़ का काला धन बाहर आया। RBI की 2016-17 से लेकर 2021-22 तक की एनुअल रिपोर्ट्स बताती हैं कि RBI ने 2016 से लेकर अब तक 500 और 2000 के कुल 6,849 करोड़ करंसी नोट छापे थे। इनमें से 1,680 करोड़ से ज्यादा करंसी नोट सर्कुलेशन से गायब हैं। इन गायब नोटों की वैल्यू 9.21 लाख करोड़ रुपए है। इन गायब नोटों में वो नोट शामिल नहीं हैं जिन्हें खराब हो जाने के बाद RBI ने नष्ट कर दिया।
कानून के मुताबिक ऐसी कोई भी रकम जिस पर टैक्स न चुकाया गया हो, ब्लैक मनी मानी जाती है। इस 9.21 लाख करोड़ रुपए में लोगों की घरों में जमा सेविंग्स भी शामिल हो सकती है। उत्तर प्रदेश चुनाव के दौरान इत्र कारोबारी और पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी के करीबियों के यहां पड़े छापों में बरामद ब्लैक मनी में 95% से ज्यादा 500 और 2000 के नोट थे।
सरकार मानती नहीं, मगर 500 और 2000 के नोटों में ही जमा होती है ब्लैक मनी…तभी 2019 से 2000 के नोटों की छपाई बंद
अधिकारी यह मानते हैं कि काला धन जमा करने में सबसे ज्यादा इस्तेमाल बड़े डिनॉमिनेशन के यानी 500 और 2000 के नोटों का इस्तेमाल होता है। शायद इसी वजह से 2019 से 2000 के नोटों की छपाई ही बंद है। मगर 500 के नए डिजाइन के नोटों की छपाई 2016 के मुकाबले 76% बढ़ गई है।
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि घरों में इस तरह जमा कैश कुल काले धन का 2-3% ही होता है। ऐसे में स्विस बैंक्स में जमा भारतीयों के काले धन पर 2018 की एक रिपोर्ट इस बात की आशंका बढ़ा देती है कि सर्कुलेशन से गायब 9.21 लाख करोड़ की राशि ब्लैक मनी ही हो। इस रिपोर्ट के मुताबिक स्विस बैंक्स में भारतीयों का काला धन 300 लाख करोड़ है। इस राशि का 3% करीब 9 लाख करोड़ रुपए ही होता है।